नरसिंह को दिखानी चाहिए खिलाडी भावना - देश के लिए छोंड देनी चाहिए अपनी वक्तिगत उपलब्धि का फायदा ।
नर सिंह को रियो ओलिंपिक को लेकर खेल भावना दिखानी चाहिए । जब बात देश की हो तो कभी वयक्तिगत उपलब्धि सवोपरि नहीं हो सकती । इस मामले में सभी अपनी अपनी जगह ठीक है , सिर्फ नरसिंह को छोड़कर । नियम और न्याय यही कहता है की जिसने क्वालीफाई किया है वही जाने का हक़दार है । अगर कोई नरसिंह की जगह किसी और को भेजने की बात करता है तो यह बात ठीक नहीं है क्योंकि नरसिंह ने अपने वक्तिगत पुरुषार्थ ओलिंपिक कोटा हाशिल किया है । लेकिन यहाँ बात देश की है और खेल भावना की है । क्या यह बात सही नहीं है की जो देश के लिए सबसे योग्य हो वो देश का प्रतिनिधित्व करे ? कोई अन्य अगर ट्रायल की बात करता है तो शायद यह उतना ठीक नहीं होगा जैसा की नर सिंह ने अपना स्थान पक्का किया है । यह उनका हक़ बन चूका हैं । अतः नरसिंह को खुद स्वयं इस बात को कहना चाहिए की वो तैयार है सुशिल से ट्रायल जो देश के लिए बेहतर कर सकता है उसी को जाना चाहिए । सुशिल के चोटिल होने की वजह से ही नरसिंह को उनकी जगह ओलिंपिक क्वालीफ़ायर में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला , क्या होता अगर उस वक्त सुशिल फिट होते ? नर सिंह को इस बात की क़द्र करनी चाहिए...