Posts

Showing posts from 2021

आदर्श खेल प्रशासन और व्यवस्था के अलावा समाज कल्याण हेतु भी जिला ताइक्वांडो संघ वाराणसी एक आदर्श आर्गेनाईजेशन के रूप मे उभर रही है

Image
जिला  ताइक्वांडो  संघ  वाराणसी  जो  हर  महीने  अपने  बैंक  स्टेटमेंट / बैलेंस शीट सार्वजानिक करने,  हर  महीने  प्लेयर  और  कोच  रैंकिंग  प्रणाली को  लागु  करने  / प्लेयर्स  और  कोच  को  विशेष  वोटिंग अधिकार  / पेपरलेस कार्य प्रणाली / सबसे  सस्ती  ब्लैक बेल्ट  टेस्ट (Rs 1857) इत्यादि  के  वजह  से एक  आदर्श खेल  संघ  के  रूप  मे जानी  गई और  सभी  ईमानदार लोगो  से सराहना प्राप्त किया अब  समाज  कार्यों के  लिए  सभी  का  सराहना  प्राप्त  कर  रही  है  | जिला  ताइक्वांडो  संघ  वाराणसी  ने  पिछले  महीने ने  एक  ब्लड  डोनेशन  कैम्प  को  ओर्गनइज कर इसकी  शुरुआत करी जिसमे  50 से  अधिक  लोगो  ने  रक्तदान किया हालांकि  इस  रक्तदान ...

ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ताइक्वांडो जैसे खेल को चुनते तो क्या होता?

Image
नीरज चोपड़ा जी ने हाल ही सम्पन्न हुए टोक्यो ओलम्पिक मे भाला फेकने मे स्वर्ण पदक प्राप्त कर पुरे देश का मान बढ़ाया | अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा मे ओलम्पिक स्वर्ण जितने वाले दूसरे भारतीय बने नीरज चोपड़ा जिन पर सभी देशवाशियों को नाज है | नीरज के घर या गाँव मे कोई भी खेलो की किसी भी प्रतिस्पर्धा मे प्रतिभाग नहीं करता था स्वयं नीरज भी 13 वर्ष की उम्र मे स्टेडियम इस वजह गए क्योंकि इनका वजन अत्यधिक बढ़ गया था और  स्वास्थ्य दुरुस्त करने के लिए घर वालो ने व्यायामशाला व खेल के मैदान का अनुसरण करने को कहा जहाँ उन्होंने पानीपत के स्टेडियम मे जय चौधरी जी के  सानिध्य मे पहली बार भाला फेका और उसके बाद उन्होंने पंचकुला मे प्रशिक्षक नदीम अहमद जी के देख रेख मे  परिश्रम करना शुरू किया | नीरज ने मात्र 10 साल मे 23 वर्ष के उम्र मे सारे देश वाशियों को गर्व करने के लिए स्वर्णिम पदक जीत लिया पर क्या होता अगर नीरज भाला फेकने की जगह ताइक्वांडो जैसा प्रतिष्ठित मार्शल आर्ट करना पसंद करते जो की वर्ष 2000  से एक  ओलम्पिक खेल भी है पर इतना विवादित है की वो कभी ओलम्पियन भी ना बन बाते इ...

ओलंपिक मे खेल भावना का प्रदर्शन वही भारतीय ताइक्वांडो संघ मे खा लो की भावना

Image
टोक्यो ओलिंपिक कोरोना के कारण एक साल टल कर 2021 मे  होना ही ओलम्पिक के इतिहास मे सबसे ज़्यादा ऐतिहासिक है पर इससे भी ऊंचा अगर इस ओलिंपिक मे कुछ हुवा है तो वह है कतार के बारिशम और इटली के ताम्बरी के ऐसी खेल भावना प्रस्तुत करी जो की की एक ऐतिहासिक घटना है जो हमेशा सभी को मिशाल के रूप मे बताया जायेगा,  स्पोर्ट्समैन स्पीरिट क्या होता है लोग हमेशा सीखेंगे , व्यक्तिगत हार और जीत के बजाये मानवीय मूल्यों और आदर्शो की जीत, विचारों की जीत क्या होती है इस बात को दुनिया हमेशा इनसे सीखेगी और अनुसरण करेंगी | इनकी इस घटना ने वर्ष  1936 के  बर्लिन ओलम्पिक की लूज़ लॉन्ग और जे सी ओवेन्स की घटना भी सबके सामने प्रदर्शित कर दी है जहाँ अडोल्फ हिटलर को और पुरे जर्मनी को सिर्फ गोल्ड मैडल ही चाहिए था और वही अमेरिका के नीग्रो समाज से आने वाले जे सी ओवेन्स को भी गोल्ड मैडल जीत कर अपनी देश और समाज का सम्मान स्थापित करना था | ओवेन्स अत्यधिक दबाव मे लगातार दो बार फ़ाउल करने के बाद आखिरी मौके मे फाऊल करते तो पदक से निश्चित हाथ धोते और लूज़ लॉन्ग का स्वर्ण पदक जितना भी तय था पर यु ही नहीं हार के जितने ...

कोरोना योद्धा व मानवीय मूल्यों के प्रतिक डॉक्टर टी डी तनेजा

Image
 एक लड़ाई चाइनीस वायरस से_ भूतपूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके बड़बोलेपन के कारण बहुत से लोग ना पसंद करते थे पर एक बात के लिए मैं उनका समर्थक था, कि कोविड-19 महामारी के अस्तित्व में आने से लेकर अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक वह इसे चाइनीज वायरस ही बोलते रहे। चीन के बुहान शहर के वायरोलॉजिकल इंस्टिट्यूट में कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई, और बड़े ही सुनियोजित तरीके से विश्व के अन्य हिस्सों में इसे फैलने दिया गया। जीव जंतुओं एवं कीट पतंगों का बेहतरीन उपयोग एवं दुरुपयोग चीनी समाज महान चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस (लगभग 2500 वर्ष पूर्व) से भी पहले से करता आ रहा है। चीनी लोग जीव जंतु एवं कीट पतंगों से जीवनोपयोगी और जहर दोनों का निर्माण करना बखूबी जानते हैं। उम्दा किस्म की वाइन भी यह जहरीले सांपों की मदद से बना डालते हैं। आज भी विकसित एवं शक्तिशाली चीन में लगभग 5 करोड़ लोग  गुफाओं और कंदराओं में रहतेहैं। आधुनिक चीन का प्रत्येक नागरिक स्वयं में एक छोटा मोटा कीट वैज्ञानिक है। जब अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों ने बुहान लैब की जांच करने की मांग की, तो जांच तो दूर किसी भी संस्थ...