आज का नया भ्रस्टाचार : क्या सही क्या गलत
यु तो हर गली हर नुक्कड़ पर लोग मिल जायेगे सही और गलत की चर्चा करते हुए, सरकार की भ्रस्टाचार उजागर करते हुए पर वह स्वयं इसमें कितने लिप्त है, वों स्वयं कितने भ्रस्टाचारी है इसका शायद किसी को अंदाजा नहीं होता या यु कहे की स्व अवलोकन करने की फुर्सत नहीं | ऐसे मे महान संत कबीर दास जी का एक दोहा बड़ा ही उपयुक्त समझ आता है :- बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय । जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।। वर्तमान मे संपन्न हुए एशियाई खेलो मे हमारे देश ने शानदार उपलब्धि हासिल करी, एक देश के रूम हमने पहली बार एशियाई खेलो मे 100 से अधिक पदक जीते | सरकार द्वारा खेलो के लिए किये जा रहे खेलो के लिए कार्यों की आलोचना तो अब विपक्षी पार्टी के लोग भी मुश्किल से क़र पा रहे है पर नुस्क निकालने वालो की कहा कमी, ऐसे नहीं करना चाहिए, वैसे नहीं करना चाहिए इत्यादि इत्यादि पर इन एशियाई खेलो मे बहुत सारे राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा विवाद होने के चलते, खिलाड़ियों के चयन मे बहुत समस्या आई, ताइक्वांडो जैसे खेल मे जहाँ राष्ट्रीय पटल पर एक साथ चार चार राष्ट्रीय महासंघ ने जो अपनी दावेदार...